धोखाधडी कर सरकारी जमीन पर कब्‍जा करने वाले 11 आरोपीगण को 05-05 वर्ष की सजा एवं 2000-2000 रूपये जुर्माना  


अनूपपुर न्यायालय प्रथम अपर सत्र न्‍यायाधीश अनूपपुर के न्‍यायालय द्वारा थाना कोतवाली के अपराध क्रमांक 148/2007 न्‍यायालय का सत्र प्रकरण क्रमाकं 192/2013 धारा 420, 467, 468, 471, 120 बी भादवि में आरोपी (1) बेसहनी बाई राठौर (2) मोलिया बाई राठौर (3) लल्‍ला दुबे (4) राधा बाई राठौर (5) भोग्‍गल राठौर (6) काशी प्रसाद राठौर (7) बल्‍देव प्रसाद राठौर (8) विश्‍वनाथ तिवारी (9) कल्‍याणदास राठौर (10) अच्‍छेलाल यादव (11) गया प्रसाद यादव (12) मोहन सोंधिया समस्‍त आरोपियों को धारा 420, 467, 468 सहपठित धारा 120 बी भादवि में 05-05 वर्ष का कठोर कारावास एवं 2000-2000 रूपये के अर्थदण्‍ड से दण्डित किया गया है। आरोपी शहजाद अली, मोहन, रामसेवक यादव, रामदास राठौर की विचारण के दौरान फौत होने से उनके विरूद्व प्रकरण की कार्यवाही उपशमित की गई। मामले की समीक्षा न्‍यायालय में पेश होने के पूर्व जिला अभियोजन अधिकारी द्वारा की गई, प्रकरण की विवेचना पूर्ण करते हुए विवेचक श्री राजेश सिंह परिहार निरीक्षक द्वारा अभियोग पत्र न्‍यायालय में विचारण हेतु प्रस्‍तुत किया गया। न्‍यायालय द्वारा अभियुक्‍तगण पर आरोप निर्धारित किया जाकर 12 साक्षियों के माध्‍यम से 62 अभिलेखों को अभियोजन द्वारा प्रदर्शित कराया गया हैं। मामले में अधिकांश पैरवी लोक अभियोजक श्री दुर्गेन्‍द्र सिंह भदौरिया द्वारा अंतिम में अपर लोक अभियोजक श्रीमती सुधा शर्मा द्वारा की गई है।


            जिला अभियोजन अधिकारी श्री रामनरेश गिरि द्वारा न्‍यायालयीन निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि 02 जुलाई 2007 को ग्राम ओढेरा के लोगों ने कलेक्‍टर अनूपपुर से शिकायत की कि ग्राम ओढेरा की शासकीय भूमियों में कूटरचना करके बाहरी लोगों को विक्रय करने की कार्यवाही तत्‍कालीन हल्‍का पटवारी आरोपी शहजाद अली द्वारा म.प्र. शासन और म.प्र. शासन जंगल की भूमि सर्वे नं. 131, 132, 133, 134, 135, 137, 139, 141, 144 के खसरे में कूटरचना करके कुल 67.869 भूमि के रकबे में बढोतरी कर दी गई आरोपीगण बेसहनी, कल्‍याणदास, राधाबाई, बल्‍देव, मोहन, मोलिया, भोग्‍गल, अच्‍छेलाल, लल्‍ला, गया प्रसाद, काशी, विश्‍वनाथ के नाम भूमिगत के रूप में कूटरचना कर दर्ज किए गए थे। सम्पूर्ण विवेचना पश्चात अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया, जहां न्यायालय ने आरोपीगण को दोषी पाते हुए उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया है।

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